॥आरक्षण और राजपूत॥
क्षत्रियोँ करना होगा ईस आरक्षण का अन्त ।
हिम्मत नहीँ करोगे तो क्या करने आयेगा
अन्त कोई सन्त॥
आरक्षण मिले गरीब को उसपे हमे कोई एतराज नहीँ है।
बैठा हे सिँहासन पे और
मारे गरीब का हक वँहा पे हमारा एतराज सही है॥
हुँकार भरो साथियोँ अब हमे अपने हक के लिये
लङना पङेगा।
खूब देख लिया अपने नेताऔ के सामने अब तो
ईन जालिमो से अङना पङेगा॥
खूब लिखी तलवारो से कहानियाँ आब तो हमे
तकनीक को पढना होगा।
खुब करी हाथी घोङो की सवारी अब तो हक
मारने वालो की छाती पे छढना होगा॥
देखो ईस आरक्षण मेँ कछुआ खरगोश को पछाङता है।
40% वाला मेरिट धारक के ऊपर रोब झाङता है॥
क्या मेरे युवा मित्रो हम ईसी तरह सफेद पोसो
के आगे घुटने टेकते रहैँगे।
और एक अभ्यागत की तरह तरसती आँखो से
अपनी बरबादी देखते रहेँगे॥
माँगने से मिलती है भीख अपना हक है यारो उसे
छीनना सीख लो।
छोङो हमारे समाज के ईन बगुला भक्त नेताऔ को और
हँसो की तरह मोती बीनना सीख लो॥
जय क्षत्रिय ॥
क्षत्रियोँ करना होगा ईस आरक्षण का अन्त ।
हिम्मत नहीँ करोगे तो क्या करने आयेगा
अन्त कोई सन्त॥
आरक्षण मिले गरीब को उसपे हमे कोई एतराज नहीँ है।
बैठा हे सिँहासन पे और
मारे गरीब का हक वँहा पे हमारा एतराज सही है॥
हुँकार भरो साथियोँ अब हमे अपने हक के लिये
लङना पङेगा।
खूब देख लिया अपने नेताऔ के सामने अब तो
ईन जालिमो से अङना पङेगा॥
खूब लिखी तलवारो से कहानियाँ आब तो हमे
तकनीक को पढना होगा।
खुब करी हाथी घोङो की सवारी अब तो हक
मारने वालो की छाती पे छढना होगा॥
देखो ईस आरक्षण मेँ कछुआ खरगोश को पछाङता है।
40% वाला मेरिट धारक के ऊपर रोब झाङता है॥
क्या मेरे युवा मित्रो हम ईसी तरह सफेद पोसो
के आगे घुटने टेकते रहैँगे।
और एक अभ्यागत की तरह तरसती आँखो से
अपनी बरबादी देखते रहेँगे॥
माँगने से मिलती है भीख अपना हक है यारो उसे
छीनना सीख लो।
छोङो हमारे समाज के ईन बगुला भक्त नेताऔ को और
हँसो की तरह मोती बीनना सीख लो॥
जय क्षत्रिय ॥